2024-2025 में मंगल कर्क राशि में गोचर करेगा, जो इसकी नीच राशि है।

2024-2025 में मंगल कर्क राशि में गोचर करेगा, जो इसकी नीच राशि है। इसके दौरान कर्क की संवेदनशील, भावनात्मक ऊर्जा से मंगल की सीधी, आक्रामक प्रवृत्ति में कमी आएगी। प्रत्येक लग्न के लिए यह गोचर अलग-अलग प्रभाव लाएगा, क्योंकि यह कर्क की भावनात्मकता और सुरक्षा की भावना से जुड़ा है।

आइए, प्रत्येक लग्न के लिए इस गोचर के विस्तृत प्रभाव को समझें:

मेष लग्न

• स्थिति: मंगल 4th भाव में (कर्क)।

• प्रभाव: यह गोचर घरेलू शांति, संपत्ति, और पारिवारिक मामलों में अशांति और अधीरता ला सकता है। 4th भाव माता, घर, और संपत्ति को दर्शाता है। नीच मंगल यहां पारिवारिक विवाद या संपत्ति से जुड़े संघर्ष ला सकता है। मेष जातकों को इस समय अपने घरेलू मामलों पर ध्यान देना चाहिए और अपने निर्णयों में धैर्य रखना चाहिए। घर में सुधार और पारिवारिक मुद्दों को शांति से हल करने का प्रयास करना इस समय सहायक हो सकता है।

वृषभ लग्न

• स्थिति: मंगल 3rd भाव में (कर्क)।

• प्रभाव: 3rd भाव में मंगल वृषभ जातकों के संवाद में भावनात्मकता ला सकता है और भाई-बहनों या पड़ोसियों के साथ संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं। नई योजनाओं या प्रयासों में साहस की कमी महसूस हो सकती है। इस समय धैर्यपूर्वक काम करना और विनम्रता अपनाना लाभकारी होगा। यह समय आत्मनिरीक्षण और दीर्घकालिक परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उपयुक्त है।

मिथुन लग्न

• स्थिति: मंगल 2nd भाव में (कर्क)।

• प्रभाव: मंगल का 2nd भाव में गोचर धन और पारिवारिक मूल्यों पर प्रभाव डाल सकता है। मिथुन जातकों को खर्चों पर नियंत्रण रखना चाहिए क्योंकि इस दौरान भावनात्मक खर्च बढ़ सकते हैं। परिवार में भी गलतफहमियाँ हो सकती हैं, इसलिए वाणी में संयम रखना और आर्थिक अनुशासन अपनाना आवश्यक है। यह गोचर पारिवारिक मूल्यों और धरोहर पर आत्मचिंतन करने का अवसर है।

कर्क लग्न

• स्थिति: मंगल 1st भाव में (कर्क)।

• प्रभाव: मंगल के लग्न भाव में होने से कर्क जातक mखुद को अधिक संवेदनशील और रक्षात्मक महसूस कर सकते हैं। स्वास्थ्य, विशेषकर छाती या पाचन से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इस समय आत्म-देखभाल और दैनिक जीवन में विनम्रता का अभ्यास आवश्यक है। आत्म-चिंतन और भावनात्मक स्थिरता विकसित करने के लिए यह समय लाभकारी हो सकता है।

सिंह लग्न

• स्थिति: मंगल 12th भाव में (कर्क)।

• प्रभाव: 12th भाव में मंगल सिंह जातकों को आत्मचिंतन और मानसिक शांति की ओर प्रेरित करेगा। नींद और मानसिक शांति पर प्रभाव पड़ सकता है और मन में अनिश्चितता या चिंता बढ़ सकती है। ध्यान और मानसिक शांति के अभ्यास से इस प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है। पुराने मनमुटावों को छोड़ना और आध्यात्मिक दृष्टिकोण अपनाना इस समय लाभकारी होगा।

कन्या लग्न

• स्थिति: मंगल 11th भाव में (कर्क)।

• प्रभाव: 11th भाव में मंगल मित्रता और सामाजिक संबंधों में अप्रत्याशित संघर्ष ला सकता है, विशेषकर मित्रों और बड़े भाई-बहनों के साथ। इस समय लक्ष्य और आकांक्षाओं में देरी हो सकती है। धैर्य के साथ सामाजिक और वित्तीय लक्ष्यों की ओर बढ़ना मंगल के प्रभाव को संतुलित करने में सहायक होगा। दीर्घकालिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित करना अधिक लाभकारी होगा।

तुला लग्न

• स्थिति: मंगल 10th भाव में (कर्क)।

• प्रभाव: 10th भाव में मंगल करियर और सार्वजनिक छवि में चुनौतियाँ ला सकता है। तुला जातक कार्यस्थल पर अवमूल्यन महसूस कर सकते हैं, जिससे अधीरता और अधिकारी वर्ग से संघर्ष हो सकता है। इस समय भावनाओं को संतुलित करते हुए पेशेवर अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर कार्य करना आवश्यक होगा।

वृश्चिक लग्न

• स्थिति: मंगल 9th भाव में (कर्क)।

• प्रभाव: 9th भाव में मंगल उच्च ज्ञान और लंबी यात्रा से संबंधित है। यह गोचर मान्यताओं, दर्शन और अध्यात्म में आंतरिक संघर्ष ला सकता है। यात्रा योजनाओं में बाधाएँ आ सकती हैं और गुरुओं या शिक्षकों के साथ संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं। आक्रामकता से बचते हुए आत्मिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना इस समय सहायक होगा।

धनु लग्न

• स्थिति: मंगल 8th भाव में (कर्क)।

• प्रभाव: 8th भाव में मंगल गहरी भावनाओं, परिवर्तन और साझा संसाधनों को प्रभावित करता है। धनु जातकों को अप्रत्याशित वित्तीय या भावनात्मक उलझनों का सामना करना पड़ सकता है। यह समय अपने भय और छिपे हुए मुद्दों का सामना करने का है। आत्मिक शांति के लिए ध्यान और मानसिक शांति के अभ्यास इस समय सहायक होंगे।

मकर लग्न

• स्थिति: मंगल 7th भाव में (कर्क)।

• प्रभाव: 7th भाव में मंगल संबंधों और साझेदारी में चुनौतियाँ ला सकता है। मकर जातकों को इस समय रिश्तों में गलतफहमियों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे तनाव उत्पन्न हो सकता है। भावनात्मक संतुलन बनाए रखना और साथी के दृष्टिकोण को समझने का प्रयास करना आवश्यक है।

कुंभ लग्न

• स्थिति: मंगल 6th भाव में (कर्क)।

• प्रभाव: 6th भाव में मंगल स्वास्थ्य, कार्य और संघर्ष से संबंधित है। इस दौरान भावनात्मक तनाव से स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। सहकर्मियों के साथ संघर्ष या कानूनी मामलों की संभावना हो सकती है। एक सुदृढ़ दिनचर्या का पालन करना और संयम बनाए रखना इस समय लाभकारी होगा।

मीन लग्न

• स्थिति: मंगल 5th भाव में (कर्क)।

• प्रभाव: 5th भाव में मंगल रचनात्मकता, प्रेम संबंधों और संतान के मामलों में भावनात्मक उतार-चढ़ाव ला सकता है। मीन जातकों को खुद को व्यक्त करने में कठिनाई हो सकती है और रचनात्मक रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। भावनाओं पर नियंत्रण रखते हुए आत्म-चिंतन करना और शांतिपूर्ण गतिविधियों में भाग लेना सहायक होगा।

Leave a comment